पुरी ः पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के आसपास निर्माण को हटाने पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद भी लगभग सौ साल पुराने ऐतिहासिक मठों को तोड़ दिया गया है। मंदिर परिसर के 75 मीटर के दायरे में स्थित सभी निर्माणों को हटा दिया गया है । विकास की आड़ में मनमर्जी तरीके से सभी सीमाओं का उल्लंघन करते हुए सदियों पुरानी जगन्नाथ संस्कृति एवं परंपरा के अंग रहे मठ व मंदिरों को तोड़ा गया, यह ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्व रखने वाले मठ एवं मंदिरों को तोड़े जाने से हिदुओं की धार्मिक भावना पर प्रहार किया गया है । ये मठ, मंदिर जगन्नाथ संस्कृति, सदियों से हिंदू संस्कृति की मान-मर्यादा बढ़ाते रहे हैं ।
ऐतिहासिक मठों को तोडे़ जाने के विरोध में कल हिंदुस्थान निर्माण दल के प्रांत अध्यक्ष बिश्वरंजन जैठी, हिंदुस्थान निर्माण दल के सत्यवादी ( विधायक प्रत्याशी ) कैलाश चंद्र बराल, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रांत महामंत्री कृष्णा पाढ़ी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद की प्रांत उपाध्यक्ष लक्ष्मी शर्मा , हिंदुस्थान निर्माण दल के ओडिशा प्रांत कमेटी सदस्य अरूण राव के साथ आंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और हिंदुस्थान निर्माण दल के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। कहा गया है कि मंदिर के चारों तरफ रह रहे 600 परिवारों ( 100 वर्ष पिराने पुर्खों का घर ) के घरों को तोड़ दिया गया है। यह अत्यंत दुखदायी है। इसका एएचपी और एचएनडी ओडिशा विरोध करता है। मंदिर के चारो तरफ 100 से ज्यादा छोटे दुकानदारों को हटा दिया गया है । सरकार ने घोषणा कि थी उनको दूसरा स्थान दिया जाऐगा, लेकिन अब तक उन्हें दूसरा स्थान नही दिया गया है। इस वजह से उन व्यपारियों का परिवार भी दिक्कतों का सामना कर रहा हैं । एएचपी और एचएनडी ओडिशा की मांग है कि जल्द से जल्द इन व्यपारियों को दूसरा स्थान दिया जाए ।